सिमडेगा:गढ़वा जिले के बिशुनपुरा प्रखंड में पदस्थापित बीडीओ हीरक मन्ना केरकेटटा ने शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। बीडीओ हीरक मन्ना केरकेटटा सिमडेगा जिला के रहने वाले थे। शहर के डीएसपी गली रोड में इनका पैतृक आवास है। इनके पिता प्रो संतोष केरकेटटा सिमडेगा कॉलेज में मानव विज्ञान विभाग के एचओडी थे। और मां आनंदित केरकेटटा भी सरकारी शिक्षक थी। माता पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। शनिवार की शाम दिवंगत बीडीओ के घर में ताला बंद पाया गया। आस पड़ोस के लोगों को जब घटना की जानकारी दी गई तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ। पडोसी ने बताया कि दिसम्बर में मन्ना घर आया था। उन्होंने बताया कि मन्ना के सभी भाई बहन भी नौकरी करते है। और सभी लोग बाहर में ही रहते है। उन्होंने कहा कि मन्ना जिंदादिल और सरल स्वभाव का व्यक्ति था, वह आत्महत्या नहीं कर सकता है। पड़ोसियों ने मन्ना के आत्महत्या की घटना को साजिश बताते हुए जांच की मांग की है। पडोसियों ने बताया कि मन्ना के नौ भाई बहन है। जिसमें मन्ना चौथे नम्बर का है। पडोसी ने बताया कि मन्ना बचपन से ही बेहद सीधा साधा था इसलिए उसे मुहल्ले के लोग योगी के नाम से पुकारते थे। उन्होंने बताया कि मन्ना का सबसे छोटा भाई जयंवत केरकेटटा वन विभाग में कार्यरत है। और सिमडेगा जिले के कोलेबिरा में पदस्थापित है। वहीं दुसरा छोटा भाई उत्तम केरकेटटा पायलट है जो दिल्ली में रहता है। वहीं एक बहन शोभा रानी केरकेटटा नाबार्ड में उच्च पद पर पदस्थापित है। रविवार को दिवंगत बीडीओ का शव सिमडेगा पहुंचा, जिसके बाद जिले के कई प्रशासनिक अधिकारी सहित परिजन पहुंचे और सभी लोगों ने नाम आंखों से विदाई दी इधर परिसदन भवन सिमडेगा में झासा की बैठक हुई। डीडीसी संदीप कुमार दोराईबुरु की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गढ़वा के बिसूनपुरा के दिवंगत बीडीओ हीरक मन्ना केरकेट्टा के मौत के मामले में स्पेशल एसआईटी की टीम से जांच कराने की मांग की। साथ ही डीजीपी एवं राज्य सरकार से भी निष्पक्ष जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
Related posts
-
चैनपुर ग्रामीणों की सड़क निर्माण की मांग पर उभरी नाराजगी
वर्षों से सड़क की मांग को लेकर परेशान ग्रामीणों को अब खुशी नहीं:– जिप सदस्य मेरी... -
धरधरी जलप्रपात में युवक की मौत पुलिस ने बरामद किया शव
बिशुनपुर:– बिशुनपुर थाना क्षेत्र के सेरका गांव में मंगलवार की देर शाम एक दुखद घटना घटी,... -
घाघरा प्रखंड में पानी की बर्बादी, रोजाना हजारों लीटर पानी की हो रही बर्बादी
घाघरा:– “जल ही जीवन है” का नारा आजकल महज एक वाक्यांश बनकर रह गया है। गर्मी...